एक लड़की लड़की होने से डरती हैं।
उससे हमेशा मीठी और चिकनी चुपड़ी बातें होती है।
जहाँ वह दोस्त तलाशती है, दोस्त के भेष में प्रेमी हाजिर हो जाते है।
उसे सरल रिश्ते चाहिए लेकिन लोग उसके लिए जान देने के लिए आमादा है ।
वह सामान्य बात करना चाहती है लेकिन लोग उससे स्त्री रहस्य, प्रेम और धर्म की बातें करते हैं।
जो भी उससे मिलता है ,कोई न कोई रूप ओढ़कर मिलता है ।
अब वह सब से उकता गई है ।
अब वह लड़की, लड़की होने से डरती है।
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