गुरुवार, 8 अप्रैल 2021

सखी री मोहे, पीयू तड़पावे


सखी री मोहे, पीयू तड़पावे

निर्मोही को ,याद न आवे

सखी री मोहे ,पीयू तड़पावे


चंदा च दिखत रे ,मेरो मनभावन

बीते ,सूखा, थारे बिन, ये सावन

मुई रैना ,मन में ,आग ,लगावे

सखी री मोहे, पीयू तड़पावे


हिये च बसे हैं, प्रीतम प्यारो

जपे स्वाशा क्षण क्षण, नाम तिहारो

बिरह, अब मोहे ,मार मुकावे

सखी री मोहे ,पीयू तड़पावे


न अब देर करो, बालम , बलिहारी

रोये रे ,रोये , दासी ,तिहारी

घड़ियां कैसी ,ये बीती जावे

सखी री मोहे, पीयू तड़पावे




 



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