बुधवार, 7 अप्रैल 2021
1999 A Love Story अ लव स्टोरी
प्रेम रोग
प्प्यार
एक बजे
एक कमरे में चार दोस्त रात को एक बजे, बैठ के दारू पी रहे हैं। सब कॉलेज फ्रेंड हैं। पहला लड़का, लड़की लिव इन मे रहते हैं, दो दोस्त आज उनके यही रुक गए हैं।
पहला लड़का - यार इस रूम में ना पहले कोई किरायेदार थे। एक औरत थी उसको करंट लग गया, इसी रूम में, चिपक के मर गयी। मकान मालिक ने बताया।
दूसरा लड़का - नही यार
लड़की - हां, हां, आंटी ने हम दोनों को बताया था।
तीसरा लड़का ( ज्यादा पिआ हुआ, थोड़ा बहका हुआ) - ह्म्म्म भूत होते हैं, हां भूत होते है
दूसरा लड़का - (विक्रम जो सबका classmate था, कुछ ही दिन पहले रोड़ एक्सीडेंट में expire हो गया था) - यार अपन सब का जिगरी , विक्रम कितनी जल्दी चला गया। उसकी आत्मा को बुलाये क्या? अगर मन से ध्यान लगा के याद करो, अगर उनकी आत्मा भटक रही है तो वो बात कर लेती है। मैने पढ़ा है।
पहला लड़का - पागल हो गए हो क्या? रात की एक बजी है। फालतू के काम नहीं करने।
तीसरा लड़का - हां, बुलाते हैं, बुलाते हैं।
लड़की - यार में भूत वूत को तो नहीं मानती, पर इंटरेस्टिंग है। ट्राई करते है ना
लड़की पहला लड़के का हाथ पकड़ बैठ जाती है, तीसरा लड़का भी हाथ पकड़ लेता है। दूसरा लड़का खिड़की में रखी मोमबत्ती उठाता है, जला के बीच मे रख देता हैं, लाइट बंद कर देता है। सब एक दूसरे का हाथ पकड़े हुए प्रार्थना कर रहे है।
सबकी आंखे बंद है। कुछ देर बाद
तीसरा लड़का एकदम से लुढ़क जाता है। सब थोड़ा सा डर जाते है।
पहला लड़का - इसको क्या हुआ।
लड़की - ज्यादा पी थी, नींद आ गयी होगी।
दोनों दूसरे लड़के को देखते हैं।
दूसरा लड़के की गर्दन झुकी हुई, अपने पैरों की तरफ देख रहा हो जैसे, पायल ठीक कर रहा हो जैसे, हल्का सा हँसता सा, गुनगुनाता हुआ
छन छनन न छन, छन छनन न छन
पहला लड़का - यार नाटक मत करो।
दूसरा लड़का अब गाना गाते हुए, खड़ा होता है। लड़की की तरह अंगड़ाई लेते हुए
आजा आजा रे पिया
आज माने ना जिया
पहला लड़का- डर से चीख निकल जाती है। घिसता हुआ पीछे की तरफ खिसकता है।
दूसरा लड़का, पहले लड़के की तरफ बढ़ता हुआ, गाना जारी रखता है।
बाहों में ले ले मुझे
सोचता है क्या, ओ जाने जा
पहला लड़का डर के पीछे दीवार से लग जाता हैं, गुमसुम सा, खामोश सा हो बस दूसरा लड़के को एकटक देखता रहता हैं।
इसी बीच मे लड़की भाग के जाती है और रसोई से चाकू ले आती हैं, वो दूसरे लड़के की तरफ चाकू दिखाते हुए
लड़की - ( डर और गुस्से के साथ) - मज़ाक मत कर, नहीं तो मार दूंगी ,सच में
दूसरा लड़का - जोर से हँसता है। कुछ देर हँसने के बाद- मज़ा आ गया, फट्टू सालों...
लड़की - बेवकूफ़
दूसरा लड़का ,लड़की, पहला लड़के के पास जाके, उसको हिलाते है। पर वो उसी गुमसुम हालत में, शांत...
नाई की दुकान
एक साहब बाल कटा रहे है. एक मैडम भी बैठी हैं, उनको थ्रेडिंग करानी है. कोरोना की वजह से स्टाफ कम हैं. मैडम अखबार पढ़ रही हैं.
साहब - "तेरे तो धंधे का खूब नुकसान हुआ होगा."
नाइ - "हां, साहब कोरोना ने तो बर्बाद कर दिया. 50 परसेंट धंधा डाउन है".
साहब -" अरे हमारे भी हालात खराब ही है. पूरे 20 लाख का नुकसान हुआ है. ये तो बस चला रहे हैं जैसे तैसे."
नाइ - "अरे साहब आपको क्या फर्क पड़ता हैं."
तभी लिखमाराम जो कि गरीब है, दुकान में आता हैं. सफाई कर्मचारी , झाड़ू लगाने वाला हैं.लिखमाराम साहब को देख नमस्कार करता है.
साहब - "और भाई लिखमाराम कैसा है".
लिखमा - "बस साहब आप की मेहरबानी है."कह कर नीचे बैठता है.
मैडम - अरे आप नीचे क्यों बैठे है. पुरी बेंच तो खाली है. बैठ जाइए.
साहब- "अरे हां लिखमा, ऊपर बैठ जा... ( लिखमा खड़ा होता ही है कि) , चल कोई नही, ये तो सम्मान हैं तेरा......
लिखमा नीचे ही बैठ जाता है."
मैडम कुछ सोच कर, फिर अखबार पे ध्यान देती है.
साहब-( तेज़ आवाज़ से)" एक तो सरकार ने झूठ फैला दिया. कोरोना सोरोना सब अफवाह है. सरकार को फायदा हैं. लोग भी डरपोक हैं, मास्क लगा के घूम रहे हैं, एक दूजे से मिलना बंद कर दिया हैं. इसी से सब के धंधे बर्बाद हो गए हैं. बहुत बड़ा घोटाला है ये.."
(बात सुन लिखमाराम, अपना मास्क उतार उपर वाली जेब मे रख लेता हैं.)
नाइ -" सही बात साहब. हर कोई इतना थोड़ी जानता है. ( लिखमा को देखते हुवे) ये सब तो भेड़ चाल वाले है."
मैडम - "अरे सर, कितने देश घोटाले करेंगे. पूरी दुनिया मे वायरस फैला हैं. बास बस इतनी है, नया वायरस हैं, सो जैसे जैसे रिजल्ट आ रहे है, वैसे ही जानकारी में बदलाव आ रहे है.'और मास्क लगाने में क्या बुराई, और भी फैलने वाली बीमारी से बचाव होता है."
साहब - "अब आप लेडीज को भी क्या समझाना."
मैडम - "क्या मतलब?"
साहब - "कहने का मतलब. मैं बिना मास्क के कई रिस्तेदारो से मिला हूं, जिनको कोरोना हुआ है. कईयों के साथ बैठ खाना खाया है. एक बार तो कोरोना वार्ड में जाके मास्क निकाल दिया. 2 घंटे घूमता रहा. वो तो डॉक्टर नाराज होने लगे तो फिर लगाना पड़ा."
नाइ - "क्या बात, वाह"
मैडम कुछ बोलती उसके बीच मे ही लिखराम ने अखबार मांगा. अखबार लेते ही, लिखमाराम को 2 जोर से छींक आयी.
कुछ छीटें साहब के मुंह पर पडे.
साहब - ( गुस्से में) - "पागल हो गया है क्या? मास्क क्यों नही लगता. अनपढ़ गंवार साले."मैडम हैरानी से साहब को देखती है.
साहब -" नाइ को- कितने रुपये हुवे तेरे"
नाइ - "80 साहब"
साहब 100 का नोट देता है.
नाइ - "खुले नही है साहब, बिस रुपया अगली बार ले लेना."
साहब -" सब मुझसे ही कमाएगा क्या?"लिखमाराम जेब से खुले 20 रुपये निकाल के देता है.
साहब गुस्से में उससे रुपये ले, दुकान के बाहर निकल जाता है.
मैडम हैरानी से उसको जाते हुवे देखती रहती हैं.